पंचम (5) अध्याय: सभा पर्व (लोकपालसभाख्यान पर्व)
महाभारत: सभा पर्व: पंचम अध्याय: श्लोक 47-58 का हिन्दी अनुवाद
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ निर्भय
- ↑ तुम्हारे यहाँ काम करने वाला
- ↑ स्त्री-द्यूत आदि
- ↑ मन्त्र, कोष एवं भृत्य-बल अथवा प्रभुशक्ति, मन्त्र शक्ति एवं उत्साह शक्ति
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