षण्णवतितम (96) अध्याय: उद्योग पर्व (भगवादयान पर्व)
महाभारत: उद्योग पर्व: षण्णवतितम अध्याय: श्लोक 1-18 का हिन्दी अनुवाद
'क्या इस जगत में कोई ऐसा शस्त्रधारी शूद्र, वैश्य, क्षत्रिय अथवा ब्राह्मण है, जो युद्ध में मुझसे बढ़कर अथवा मेरे समान भी हो सके? (7)
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज