षष्टितम (60) अध्याय: उद्योग पर्व (यानसंधि पर्व)
महाभारत: उद्योग पर्व: षष्टितम अध्याय: श्लोक 1-11 का हिन्दी अनुवाद
धृतराष्ट्र के द्वारा कौरव-पाण्डवों की शक्ति का तुलनात्मक वर्णन
(‘तुम ऐसे कार्य के लिये दुराग्रह करते हो, जो समस्त भूमण्डल का विनाश करने वाला है। यह अधर्मकारक तो है ही, अपयश की भी बुद्धि करने वाला है; इसके सिवा यह अत्यन्त क्रूरतापूर्ण कर्म है। तात! तुम्हारा पाण्डवों के साथ युद्ध छोड़ना मुझे किसी भी तरह अच्छा नहीं लग रहा है।)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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