तपस्वी का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। ऋषि-मुनि वनों में घोर तपस्या कर भगवान को प्रसन्न किया करते थे, उनके तप को देखकर भगवान उन्हें मनचाहा वरदान दिया करते थे, उन्हें 'तपस्वी' कहा जाता था।
- महाभारत सौप्तिक पर्व के अनुसार युद्ध के पश्चात् अश्वत्थामा व्यास के आश्रम में ही रहकर तपस्वी का जीवन बिताने लगा था।
- कुछ तपस्वी ऋषि-मुनियों के नाम निम्न है-
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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