एकविंशत्यधिकशततम (121) अध्याय: उद्योग पर्व (भगवद्-यान पर्व)
महाभारत: उद्योग पर्व: एकविंशत्यधिकशततम अध्याय: श्लोक 1-17 का हिन्दी अनुवाद
ययाति का स्वर्गलोक से पतन और उनके दौहित्रों, पुत्री तथा गालव मुनि का उन्हें पुन: स्वर्गलोक में पहुचानें के लिए अपना-अपना पुण्य देने के लिए उद्यत होना
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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