एकोनसप्तत्यधिकद्विशततम (269) अध्याय: शान्ति पर्व (मोक्षधर्म पर्व)
महाभारत: शान्ति पर्व: एकोनसप्तत्यधिकद्विशततम अध्याय श्लोक 66-68 अध्याय: का हिन्दी अनुवाद
ब्रह्मन! आप मुझे तत्त्व की बात बताइये। मैं शिष्य भाव से आपकी शरण में आया हूँ। गुरुदेव! मुझे उपदेश कीजिये। आपको मोक्ष के स्वरूप का जैसा ज्ञान है, वैसा ही मैं भी सीखना और जानना चाहता हूँ। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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