महाभारत सभा पर्व अध्याय 4 श्लोक 20-40

चतुर्थ (4) अध्‍याय: सभा पर्व (सभाक्रिया पर्व)

Prev.png

महाभारत: सभा पर्व: चतुर्थ अध्याय: श्लोक 20-40 का हिन्दी अनुवाद


इस प्रकार श्रीमहाभारत सभा पर्व के अन्तर्गत सभाक्रिया पर्व में सभा प्रवेश नामक चौथा अध्याय पूरा हुआ।

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ये सभी नरेश धर्मराज युधिष्ठिर की उपासना करते रहते थे
  2. द्वितीय
  3. वे सभी उस सभा भवन में बैठकर राजा युधिष्ठिर की उपासना करते थे
  4. सात्यकि
  5. संगीत में नृत्य, गीत और वाद्य की समता को लय अथवा साम्य कहते हैं; जैसाकि अमरकोष का वाक्य है - ‘लयः साम्यम्’।
  6. नृत्य या गीत में उसके काल और क्रिया का परिमाण, जिसे बीच-बीच में हाथ पर हाथ मारकर सूचित करते जाते हैं, ताल कहलाता है; जैसा कि अमरकोष का वचन है -‘तालः कालक्रियामामम्’।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः