द्विषष्टितम (62) अध्याय: उद्योग पर्व (संजययान पर्व)
महाभारत: उद्योग पर्व: द्विषष्टितम अध्याय: श्लोक 1-12 का हिन्दी अनुवाद
कर्ण की आत्मप्रशंसा, भीष्म के द्वारा उस पर आक्षेप, कर्ण का सभा त्यागकर जाना और भीष्म का उसके प्रति पुन: आक्षेपयुक्त वचन कहना
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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