महाभारत कर्ण पर्व अध्याय 9 श्लोक 72-90

नवम (9) अध्याय: कर्ण पर्व

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महाभारत: कर्ण पर्व: नवम अध्याय: श्लोक 72-90 का हिन्दी अनुवाद

द्वैरथ युद्ध में सव्यसाची अर्जुन के हाथ से कर्ण को मारा गया सुनकर और पाण्डवों की विजय होती देखकर दुर्योधन ने क्या कहा था? दुर्मर्षण और वृषसेन भी युद्ध में मारे गये, महारथी पाण्डवों की मार खाकर सेना में भगछड़ मच गयी, सहायक नरेश युद्ध से विमुख हो पलायन करने लगे और रथियों ने पीठ दिखा दी। यह सब देखकर मेरा बेटा शोक कर रहा होगा; ऐसा मुझे मालूम हो रहा है। जो किसी की सीख नहीं मानता है, जिसे अपनी विद्वत्ता और बुद्धिमत्ता का अभिमान है, उस दुर्बुद्धि, अजितेन्द्रिय दुर्योधन ने अपनी सेना को हतोत्साह देखकर क्या कहा? हितैषी सुहृदों के मना करने पर भी पाण्डवों के साथ स्वयं बड़ा भारी बैर ठानकर दुर्योधन ने, जब संग्राम में उसके अधिकांश सैनिक मारे डाले गये, तब क्या कहा? युद्ध स्थल में अपने भाई दुःशासन को भीमसेन के द्वारा मारा गया देख जबकि उसका रक्त पीया जा रहा था, दुर्योधन ने क्या कहा? गान्धारराज शकुनि के साथ सभा में दुर्योधन ने जो यह कहा था कि ‘कर्ण अर्जुन को मार डालेगा’, उसके विपरीत जब कर्ण स्वयं मारा गया तब उसने क्या कहा? तात! पहले द्यूतक्रीड़ा का आयोजन करके पाण्डवों को ठग लेने के बाद जिसे बड़ा हर्ष हुआ था, वह सुबल पुत्र शकुनि कर्ण के मारे जाने पर क्या बोला? वैकर्तन कर्ण को मारा गया देख सात्वत वंश के महाधनुर्धर महारथी हृदिक पुत्र कृतवर्मा ने क्या कहा?

संजय! धनुर्वेद प्राप्त करने की इच्छा वाले ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य जिन बुद्धिमान द्रोणाचार्य के पास आकर शिक्षा ग्रहण करते हैं, जो सुन्दर रूप से सम्पन्न, युवक, दर्शनीय तथा महायशस्वी है, उस अश्वत्थामा ने कर्ण के मारे जाने पर क्या कहा? तात! धनुर्वेद के आचार्य एवं रथियों में श्रेष्ठ गौतम वंशी शरद्वान के पुत्र कृपाचार्य ने कर्ण के मारे जाने पर क्या कहा? युद्ध में शोभा पाने वाले, रथियों में श्रेष्ठ मद्र देश के अधिपति, बलवान वीर, महाधनुर्धर मद्रराज शल्य ने अपने सारथित्व में कर्ण को मारा गया देखकर क्या कहा? संजय! भूमण्डल के जो कोई भी नरेश युद्ध के लिये आये थे, वे समसत रण दुर्जय योद्धा वैकर्तन कर्ण को मारा गया देखकर क्या बातें करते रहे? संजय! रथियों में सिंह नरश्रेष्ठ वीरवर द्रोणाचार्य के मारे जाने पर कौन-कौन वीर सेनाओं के मुख (अग्र भाग) की रक्षा करते रहे? संजय! रथियों में श्रेष्ठ मद्रराज शल्य को कर्ण के सारथि के कार्य में कैसे नियुक्त किया गया? यह मुझे बताओ। युद्ध करते समय भी वीर सूत पुत्र के दाहिने पहिये की रक्षा कौन कौन कर रहे थे , अथवा उसके बायें पहिये या पृष्ठ भाग की रक्षा में कौन-कौन वीर नियुक्त थे? किन शूरवीरों ने कर्ण का साथ नहीं छोड़ा? और कौन-कौन से नीच सैनिक वहाँ से भाग गये? तुम सब लोग जब एक साथ होकर लड़ रहे थे, तब महारथी कर्ण कैसे मारा गया?

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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