महाभारत कर्ण पर्व अध्याय 86 श्लोक 19-23

षडशीतितम (86) अध्याय: कर्ण पर्व

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महाभारत: कर्ण पर्व: षडशीतितम अध्याय: श्लोक 19-23 का हिन्दी अनुवाद

गोविन्द! आज आप मेरे बाणों से मरकर टुकडे़-टुकडे़ हुए कर्ण को देखिये। अथवा मुझे ही कर्ण के बाणों से मरा हुआ देखियेगा। आज तीनों लोकों को मोह में डालने वाला यह घोर युद्ध उपस्थित है। जब तक पृथ्वी कायम रहेगी, तब तक संसार के लोग इस युद्ध की चर्चा करेंगे। अनायास ही महान कर्म करने वाले भगवान श्रीकृष्ण से ऐसा कहते हुए कुन्तीकुमार अर्जुन उस समय रथ के द्वारा शीघ्रतापूर्वक कर्ण के सामने गये, मानो किसी हाथी का सामना करने के लिये प्रतिद्वन्द्वी हाथी जा रहा हो। उस समय तेजस्वी पार्थ ने शत्रुदमन श्रीकृष्ण से पुनः इस प्रकार कहा- हृषीकेश! मेरे घोड़ों को हाँकिये, यह समय बीता जा रहा है। महामना पाण्डुकुमार अर्जुन के ऐसा कहने पर भगवान श्रीकृष्ण ने विजयसूचक आर्शीवाद के द्वारा उनका आदर करके उस समय मन के समान वेगशाली घोड़ों को तीव्र वेग से आगे बढ़ाया। पाण्डुपुत्र अर्जुन का वह मनोजव रथ एक ही क्षण में कर्ण के रथ के सामने जाकर खड़ा हो गया।

इसी प्रकार श्रीमहाभारत कर्णपर्व में कर्ण और अर्जुन के द्वैरथयुद्ध के प्रसंग में भगवान् श्रीकृष्ण का वाक्य विषय छियासीवां अध्याय पूरा हुआ।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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