महाभारत आदि पर्व अध्याय 200 श्लोक 17-20

द्विशततम (200) अध्‍याय: आदि पर्व (विदुरागमन-राज्‍यलम्‍भ पर्व )

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महाभारत: आदि पर्व: द्विशततम अध्‍याय: श्लोक 17-20 का हिन्दी अनुवाद


अथवा पाण्‍डवों को यहाँ बुला लाने के लिये राधानन्‍दन कर्ण को भेजा जाय और यहाँ आकर विश्‍वसनीय कार्यकर्ताओं द्वारा वि‍भिन्‍न उपायों से उन सबको मार गिराया जाय। पिताजी! इन उपायों में से जो भी आपको निर्दोष जान उसी से पहले काम लीजिये; क्‍योंकि समय बीता जा रहा है जब तक राजाओं में श्रेष्‍ठ द्रुपद पर उनका पूरा विश्‍वास नहीं बन जाता, तभी तक उन्‍हें मारा जा सकता है। पूरा विश्‍वास जम जाने पर तो उन्‍हें मारना असम्‍भव हो जायगा। पिता जी! शत्रुओं को वश में करने के लिये ये ही उपाय मेरी बुद्धि में आते हैं; मेरा यह विचार भला है या बुरा, यह आप जानें। अथवा कर्ण! तुम्‍हारी क्‍या राय है?

इस प्रकार श्रीमहाभारत आदि पर्व के अन्‍तर्गत विदुरागमन-राज्‍यलम्‍भ पर्व में दुर्योधनवाक्‍य विषयक दो सौवां अध्‍याय पूरा हुआ।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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