दिलीप | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- दिलीप (बहुविकल्पी) |
दिलीप पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार एक प्रसिद्ध राजा थे, जो सूर्यवंश में उत्पन्न हुए थे।
- दिलीप सूर्यवंशी महाप्रतापी, धर्मपरायण, सत्य का परीपालन करने वाले एक पराक्रमी राजा थे।
- नामान्तर से इनका एक अन्य नाम 'खट्वांग' भी था।
- दिलीप ने देवासुर संग्राम में देवताओं की बड़ी सहायता की थी।
- देवासुर संग्राम के दौरान दिलीप ने दानवों का संहार किया और उन्हें युद्ध से भगा दिया था, तब देवताओं ने उससे वर मांगने को कहा। दिलीप ने पूछा कि उसकी कितनी आयु शेष है। देवज्ञ देवता बोले ‘मात्र एक घंटा’। दिलीप वायु वेग से पृथ्वी पर गये और विष्णु की स्तुति की और बैकुण्ठ में गये।
- विष्णु पुराण के अनुसार दिलीप जैसा पृथ्वी पर कोई नहीं हुआ, जिसने मात्र कुछ क्षण पृथ्वी लोक पर रहकर मनुष्यों में अपनी दानवृत्ति, सत्य, ज्ञान का आचरण करके अमरता प्राप्त की थी तथा तीनों लोकों में उन्होंने अपना यश स्थापित किया।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 55 |
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