सुरनिहन्ता

सुरनिहन्ता का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। 'महाभारत वन पर्व' के अनुसार यह पांचजन्य द्वारा उत्पन्न एक देव-स्वरूप असुर था।

  • 'महाभारत वन पर्व'[1] में पांचजन्य अग्नि की उत्‍पति तथा उसकी संतति का वर्णन मिलता है, जहाँ एक स्थान पर यह उल्लेख भी मिलता है कि पांचजन्य ने यज्ञ में विघ्‍न डालने वाले अन्‍य पंद्रह उत्तर देवों (विनायकों) की सृष्टि की थी। उनका विवरण इस प्रकार है- सुभीम, अति भीम, भीम, भीमबल और अबल- इन पांच विनायकों की उत्‍पति उन्‍होंने पहले की, जो देवताओं के यज्ञ का विनाश करने वाले हैं। इनके बाद पांचजन्य ने सुमित्र, मित्रवान, मित्रज्ञ, मित्र वर्धन और मित्र धर्मा- इन पांच देवरूपी विनायकों को उत्‍पन्न किया। तदनन्‍तर पांचजन्य ने सुरप्रवीर, वीर, सुरेश, सुवर्चा तथा सुरनिहन्ता- इन पांचों को प्रकट किया।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 118 |

  1. महाभारत वन पर्व अध्याय 220 श्लोक 1-15

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