बृहदश्र्व हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार श्रावस्त के पुत्र थे, जो एक राजा थे।
- इनके पुत्र का नाम कुवलाश्व था।
- युधिष्ठिर राजा बृहदश्व से अविद्या सीखकर कुशल जुआरी हो गये थे।
- राजा बृहदश्र्व ने यथासमय अपने उत्तम धर्मात्मा शूरवीर पुत्र कुवलाश्व को राज्य पर अभिषिक्त कर दिया था।
- शत्रुओं का संहार करने वाले बुद्धिमान राजा बृहदश्र्व राजलक्ष्मी का भार पुत्र पर छोड़कर स्वयं तपस्या के लिये तपोवन में चले गये थे।[1]
- इन्हें भी देखें: शकुनि
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
|