च्यवन (अंगिरा पुत्र)

Disamb2.jpg च्यवन एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- च्यवन (बहुविकल्पी)

च्यवन नामक अग्नि को महर्षि अंगिरा का पुत्र कहा गया है।[1] महाभारत वनपर्व के उल्लेखानुसार कश्यप पुत्र काश्‍यप, वसिष्ठ पुत्र वासिष्ठ, प्राणपुत्र प्राणक, अंगिरा के पुत्र च्यवन तथा त्रिवर्चा, ये पांच अग्नि हैं।

  • काश्यप, वासिष्ठ, प्राणक, च्यवन तथा त्रिवर्चा- इन तीनों ने पुत्र की प्राप्ति के लिये बहुत वर्षों तक तीव्र तपस्‍या की। इनकी तपस्या के फलस्वरूप ही पांचजन्य की उत्पत्ति हुई थी।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत वन पर्व अध्याय 220 श्लोक 1-15

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