स्वारोचिष मनु

स्वारोचिष मनु का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। प्रसिद्ध हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत के अनुसार ये चौदह मनुओं में से दूसरे मनु का नाम था तथा शंखपद के पिता थे।

  • दूसरे मनु का नाम था जो स्वरेचिस्वरो के पुत्र थे, लेकिन श्रीमद्भागवत में इन्हें अग्नि का पुत्र लिखा है।[1]
  • मार्कण्डेयपुराणानुसार इनका नाम द्यतिमान होना चाहिये।[2]
  • इन्हें ब्रह्मा ने शाश्वत धर्म का उपदेश दिया था। इन्होंने अपने पुत्र शंखपद को उक्त धर्म की शिक्षा दी थी।[3]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 545 |

  1. भागवत पुराण 8.1.19
  2. भागवत पुराण तथा मार्कण्डेय पुराण
  3. महाभारत शांति पर्व 348.36-37

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः