गर्गाचार्य यदुवंशियों के कुलपुरोहित थे। वह ज्योतिष के प्रकाण्ड विद्वान थे। इन्होंने ही श्रीकृष्ण तथा बलराम का 'नामकरण संस्कार' सम्पन्न कराया था।
- वसुदेव जी की प्रेरणा से एक दिन गर्गाचचार्य गोकुल में नंदबाबा के घर आए। गर्गाचार्य जी ने कहा- "नंद जी, यह जो तुम्हारा साँवला सलौना बालक है, यह युग-युग में रंग परिवर्तित करता है। सतयुग में श्वेत वर्ण का, त्रेतायुग में रक्त वर्ण था; परन्तु इस समय द्वापरयुग में यह मेघश्याम रूप धारण करके आया है। अत: इसका नाम ‘कृष्ण’ होगा।"
टीका टिप्पणी और संदर्भ
गर्गाचार्य (हिन्दी) WordPress.com। अभिगमन तिथि: 26 जनवरी, 2016।
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