बालखिल्य नाम के मुनियों का आकार अंगूठे के बराबर माना जाता है। दक्ष तथा क्रिया से उत्पन्न पुत्री 'सन्नति' से क्रतु ऋषि ने विवाह रचाया था। इसी दम्पत्ति से साठ हज़ार 'बालखिल्य' नाम के पुत्र हुए थे। इन मुनियों ने कश्यप के 'पुत्र-कामना यज्ञ' में भाग लिया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस.पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 77 |
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