सुवर्णशिरा का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। महाभारत उद्योग पर्व के अनुसार यह पश्चिम दिशा में रहकर सामगान करने वाले एक महर्षि का नाम था।
- इनके केश सुनहले थे।
- इनका प्रभाव अपरिमेय था।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 533 |
- ↑ महाभारत उद्योग पर्व 110.12
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