भालुकि नामक एक ऋषि का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है।
- वायु पुराण के अनुसार सामग आचार्य लांगलि के छह शिष्यों में से एक शिष्य थे।[1]
- भालुकि ने अपने मय में उच्च कोटि की रस-सिद्धि प्राप्त की।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 376 |
- ↑ वायु पुराण 61.42
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