उशना पृथुश्रवा का पौत्र तथा सुयज्ञ का पुत्र था, जो सर्वश्रेष्ठ धर्मात्मा था।
- इस पृथ्वी की रक्षा करते हुए उशना ने सौ अश्वमेध यज्ञों का अनुष्ठान किया था।
- उशना का पुत्र तितिक्षु[1] हुआ, जो शत्रुओं को संतप्त कर देने वाला था।
- इन्हें भी देखें: कृष्ण वंशावली एवं यदु वंश
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ अन्यत्र शिमेयु, रूचक या शितपु पाठ भी मिलता है।