मलयध्वज का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह पाण्ड्य देश का राजा और पाण्डव-पक्ष का योद्धा था।[1]
- मलयध्वज पाण्ड्य नरेश ने कर्णी नामक बाण के द्वारा द्रोण पुत्र को बींध डाला। तब आचार्य प्रवर अश्वत्थामा ने अत्यन्त भयंकर तथा अग्निशिखा के समान तेजस्वी मर्मभेदी बाणों द्वारा पाण्ड्य नरेश को मुसकराते हुए घायल कर दिया।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 84 |