प्रातिकामी पौराणिक महाकाव्य महाभारत के अनुसार धृतराष्ट्र के पुत्र दुर्योधन का सारथि था।[1][2]
- वह दुर्योधन का सारथि होने के साथ ही उसका संदेशवाहक भी था।
- जब युधिष्ठिर शकुनि के हाथों द्युतक्रीड़ा में सब कुछ हार गये, तब प्रातिकामी ही द्रौपदी को कौरव सभा में बुलाने के लिए गया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत सभापर्व 67.2-4
- ↑ पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 342 |