वृषक्राथ नामक पात्र का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में मिलता है। महाभारत के अनुसार ये कौरव पक्षीय योद्धा था, जो द्रोणाचार्य द्वारा निर्मित गरुड़ व्यूह के हृदय स्थल पर उपस्थित था।
- संजय धृतराष्ट्र से कहते हैं- राजन! उस व्यूह के हृदयस्थान में जयद्रथ, भीमरथ, सम्पाति, ऋषभ, जय, भूमिंजय, वृषक्राथ तथा महाबली निषधराज बहुत बड़ी सेना के साथ खड़े थे। ये सब-के-सब ब्रह्मलोक की प्राप्ति को लक्ष्य बनाकर लड़ने वाले तथा युद्ध की कला में अत्यन्त निपुण थे।[1]