पृथा

पृथा महाभारत में पाण्डवों की माता कुन्ती का एक अन्य नाम है। पांडु का विवाह शूरसेन की कन्या पृथा से हुआ था, जो श्रीकृष्ण की बुआ लगती थीं।

  • कुंती की सेवा से प्रसन्न होकर दुर्वासा ऋषि ने उसे एक ऐसा मंत्र बताया था, जिससे वह किसी देवता का आह्वान कर सकती थी।
  • कौमार्य में ही कुंती ने मंत्र की परीक्षा लेने के लिए सूर्य का आह्वान किया तथा सूर्य की कृपा से उसे एक पुत्र की प्राप्ति हुई।
  • लोक-लाज के भय से कुंती ने उस बालक को गंगा में बहा दिया। कौरवों के सारथि अधिरथ ने उसका पालन-पोषण किया।
  • कर्ण के नाम से प्रसिद्ध यह बालक सारथी द्वारा पाला गया था, इसीलिए 'सूत-पुत्र' कहलाया।
  • कुंती से पांडु के तीन पुत्र हुए-
  1. युधिष्ठिर
  2. भीम
  3. अर्जुन

शेष दो पाण्डव- नकुलसहदेव पांडु की दूसरी रानी माद्री के पुत्र थे।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः