आर्तायनि

आर्तायनि हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार मद्र देश के राजा थे।

  • आर्तायनि युद्ध स्थल में शत्रुओं के लिये शल्य [1] के समान थे, इसीलिए इस भूतल पर 'शल्य' नाम से विख्यात थे।
  • महाभारत कर्ण पर्व के अनुसार संजय कहते है- कि मद्र देश के राजा शल्य कोई ऐसा कार्य नहीं कर सकते, जो उनकी सत्य प्रतिज्ञा के विपरीत हो, इसीलिए आप के पूर्वज श्रेष्ठ पुरुष थे और सदा सत्य ही बोला करते थे, इसीलिए आप ‘आर्तायनि कहलाते हैं।[2]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 19 |

  1. काँटे
  2. महाभारत कर्ण पर्व अध्याय 32 श्लोक 40-59

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