पुष्पभद्रा का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ भागवत में हुआ है। भागवतानुसार यह एक नदी का नाम है, जिसके तट-पर हिमालय पर्वत के ऊपर मार्कण्डेयजी ने तपस्या की थी।
- इसे 'पुष्पवहा' भी कहते हैं।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 319 |
- ↑ भागवत पुराण 12.8.17; 9.10.30