सूतपुत्र महाभारत के वीर योद्धाओं में से एक कर्ण को कहा गया है। महाभारत आदि पर्व के अनुसार अधिरथ नाम के सारथि द्वारा पालन-पोषण किए जाने के कारण ही कर्ण को इस नाम से जाना जाता था।
- कुंती - सुत कर्ण को अधिरथ और उसकी पत्नी राधा ने पुत्रवत पाला था, क्योंकि यह कुंती के विवाह होने के पहले ही उत्पन्न हुए थे।
- कर्ण के लिए 'राधेय' नाम का भी उल्लेख मिलता है।
- ये बड़े ब्राह्मण भक्त तथा महादानी थे।
- यह द्रौपदी-स्वयंवर में भी गये थे।
- स्वयंवर में लक्ष्यवेध के लिए उद्यत कर्ण को देखकर 'सूतपुत्र' होने के कारण इनका वरण न करने के सम्बन्ध में द्रौपदी ने कहा था।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 535 |
- ↑ महाभारत आदि पर्व 67.143; 110.23; 186.23
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