अविस्थल महाभारत, उद्योगपर्व[1] में उल्लिखित उन पाँच स्थानों में से एक था, जिसे कुन्ती पुत्र युधिष्ठिर ने दुर्योधन से पांडवों के लिए मांगा था।
- युधिष्ठिर ने निम्न संदेश दुर्योधन के पास संजय द्वारा भिजवाया था-
'अविस्थलंवृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्, अवसानं भवत्वत्र किंचिदेकं च पंचमम्'
अर्थात "हमें केवल 'अविस्थल', 'वृकस्थल', 'माकंदी', 'वारणावत' तथा पाँचवाँ कोई भी ग्राम दे दे।"
- 'वृकस्थल' या 'वृकप्रस्थ'[2]माकन्दी और वारणावत[3] हस्तिनापुर के निकट ही स्थित थे।
- अविस्थल भी इनके निकट ही स्थित रहा होगा, यद्यपि इसका ठीक-ठीक अभिज्ञान संदिग्ध है।
- कुछ विद्वानों के अनुसार अविस्थल का शुद्ध पाठ 'कपिस्थल' या 'कपिष्ठल' होना चाहिए।
- कपिस्थल वर्तमान कैथल, ज़िला करनाल, पंजाब है।