चतुरंगिणी हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार युधिष्ठिर की सेना थी,[1] जो श्रीकृष्ण को द्वारका तक पहुँचाने को भेजी गयी थी।
- प्राचीन भारत में सेना के चार अंग होते थे-
- हाथी
- घोड़े
- रथ
- पैदल
जिस सेना में ये चारों अंग होते थे, वह 'चतुरंगिणी' कहलाती थी। सेना की गणना 'अक्षौहिणी' से भी होती थी।
- 21,870 हाथी
- 65,610 घोड़े
- 21,870 रथ
- 1,09,350 पैदल
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 48 |
- ↑ चतुरंगिणी