कौशिकी नदी

Disamb2.jpg कौशिकी एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- कौशिकी (बहुविकल्पी)

कौशिकी नदी के उद्गम का उल्लेख कई जगह आता है। एक ही नाम की अलग-अलग जगह पर कई नदियाँ है जो इस प्रकार है:-

  • कौशिकी नदी बंगाल की कौश्या, जो मिदनापुर तालुके में बहती हुई समुद्र में गिरती है।[1] महाभारत[2] कौशिकी नदी के किनारे ताम्रलिप्ति नगरी बसी हुई थी। कालिदास ने रघुवंश[3] में शायद कौशिकी को ही 'कपिशा' कहा है। इसी कौशिकी का श्रीमद्भागवत[4] में भी उल्लेख है।
  • कौशिकी नदी कुरुक्षेत्र की एक नदी। वामन पुराण[5] के अनुसार कुरुक्षेत्र में अनेक नदियाँ प्रवाहित होती हैं- सरस्वती नदी पुण्या तथा वैतरणी नदी, आपगा नदी च महापुण्या गंगा नदी, मंदाकिनी नदी, मधुस्त्रवा अम्लु नदी कौशिकी और दृषद्वती नदी के संगम का [6] में उल्लेख है।[7]
  • कौशिकी नदी गोदावरी नदी की सात शाखा-नदियों में से एक। ये हैं- गौतमी नदी, वशिष्ठा, कौशिकी, आत्रेयी नदी, वृद्धगौतमी, तुल्या और भारद्वाजी नदी। सप्तगोदावरी का महाभारत[8] में उल्लेख है।
  • कौशिकी नदी महाभारत[9] में उल्लिखित नदी जिसका अभिज्ञान संदिग्ध है।[10]
  • कौशिकी नदी गंगा नदी की सहायक नदी है। कोसी नदी, जो नेपाल के पहाड़ों से निकल कर नेपाल और बिहार में बहती हुई राजमहल (बिहार) के निकट गंगा में मिल जाती है।
  • कौशिकी नदी रामगंगा नदी (उत्तर प्रदेश) की सहायक नदी है। यह अल्मोड़ा के उत्तर के पहाड़ों से निकलती है और रामपुर के पास बहती हुई रामगंगा नदी में मिल जाती है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 'तत: पुंड्राधिपंवीरं वासुदेव महाबलम्, कौशिकीकच्छनिलयं राजानं च महौजसम्
  2. विराट पर्व महाभारत 30,22
  3. रघुवंश 4,38
  4. श्रीमद्भागवत 5,19,18
  5. वामन पुराण 39,6-8
  6. महाभारत 83,95-96
  7. 'कौशिक्या: संगमे यस्तु द्दषद्वत्याश्च भारत, स्नाति वै नियताहार: सर्वपापै: प्रमुच्यते'
  8. वन पर्व महाभारत 85, 43
  9. भीष्म पर्व महाभारत 9,18
  10. 'कौशिकीं त्रिदिवां कृत्यां निचितां लोहतारिणीम्'

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