सत्यसेन का उल्लेख हिन्दू पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है। यह हस्तिनापुर के राजा धृतराष्ट्र के सौ कौरव पुत्रों में से एक था। इसका नामान्तर सत्यव्रत था।
- यह ग्यारह महारथियों में से एक था।[1]
- महाभारत भीष्म पर्व के अनुसार यह अपने भाइयों के साथ शल्य की रक्षा में तैनात था।[2]
- महाभारत कर्ण पर्व के अनुसार अभिमन्यु ने इसे घायल किया था।
- भीमसेन द्वारा इसका वध हुआ था।[3]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 510 |
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