जाजनगर

जाजनगर उड़ीसा के जाजपुर ज़िले में वैतरणी नदी के तट पर स्थित यह एक प्राचीन स्थल है। प्राचीन समय में यह यज्ञपुर, जाजपुर के नाम से जाना जाता था।[1]

  • महाभारत में इस क्षेत्र को विरजा क्षेत्र कहा गया है।
  • दूसरी-तीसरी सदी ई.में यह क्षेत्र एक तीर्थ स्थल के रूप में माना जाता था।
  • कहा जाता है कि इस नगर की स्थापना छठी सदी में उड़ीसा के राजा ययाति केसरी ने की थी।
  • विरजा ययाति की इष्टदेवी थी।
  • यहाँ पर एक मंदिर में विरजा (वि-रजा=रजोगुणहीन) देवी की मूर्ति स्थापित की है।
  • यहाँ से प्राचीन विशालकाय प्रतिमाएँ मिली हैं।
  • इनमें से एक 16 फुट ऊँची बोधिसत्त्व पद्मपाणि की प्रतिमा है।
  • अन्य प्रतिमाएँ चामुण्डी,वराही एवं इन्द्राणी की हैं। ये काफ़ी क्षतिग्रस्त हैं।
  • युवानच्वांग के समय जाजपुर ही उड़ीसा की राजधानी थी।
  • मालवा के सुल्तान हुसंगशाह ने जाजनगर पर 1421 ई. में आक्रमण किया था।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार, पृष्ठ संख्या-768

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