दार्शाहनगरी

दार्शाहनगरी का उल्लेख महाभारत में हुआ है। महाभारत में द्वारका का एक नाम 'दार्शाहनगरी' भी कहा गया है- 'आपृच्छेत्वां गमिष्यामि दार्शाहनगरी प्रति'।[1]

  • दार्शाह भगवान श्रीकृष्ण अथवा यादवों के कुल का अभिधान थी।
  • प्राचीन समय में यादवों की नगरी के रूप में द्वारका विख्यात थी।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत, सभापर्व 2, 32.

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