रैवतक

रैवतक गुजरात में आधुनिक जूनागढ़ के पास का एक पर्वत है, जिसे 'गिरनार' भी कहते हैं। इसी पर्वत पर अर्जुन ने सुभद्रा का हरण किया था। सुभद्रा बलराम की सहोदरा, रोहिणी के गर्भ से उत्पन्न हुई थी तथा अभिमन्यु की माता थी।[1]

  • 'रैवतक' नामक पर्वत द्वारका (प्राचीन कुशस्थली) के पूर्व की ओर स्थित था, जिसका उल्लेख महाभारत, सभापर्व[2] दाक्षिणात्य पाठ के अंतर्गत[3] है-
'भाति रैवतक: शैलो रम्यसानुर्महाजिर:, पूर्वस्यांदिशिरम्यायां द्वारकायां विभूषणम्।'
  • इसके पास पांचजन्य तथा सर्वर्तुक नामक उद्यान वन सुशोभित थे, जो रंग-बिरंगे फूलों से चित्रित वस्त्र की भाँति सुंदर दिखते थे-
'चित्रकाम्बलवर्णाभं पाण्चजन्यंवनं तथा सर्वर्तुकवनं चैव भाँति रैवतक प्रति'; 'कुशस्थली पुरीरम्या रैवतैनोपशोभिताम्।'[4]
  • सौराष्ट्र, काठियावाड़ का गिरनार नामक पर्वत ही महाभारत का रैवतक है। 'महाभारत' और 'हरिवंशपुराण' से विदित होता है कि रैवतक के निकट यादवों की बस्ती थी और यह लोग प्रतिवर्ष संभवतः कार्तिक मास में धूमधाम से 'रैवतकमह' नामक उत्सव मनाते थे, जिसमें रैवतक पर्वत की प्रायः 25 मील की परिक्रमा की जाती थी।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भागवतपुराण 9.22.29, 33; ब्रह्माण्डपुराण 3.71.154, 178; विष्णुपुराण 4.44.35, 20, 30; वायुपुराण 12.17-24; 35.28
  2. सभापर्व महाभारत, अध्याय 38
  3. तथा अन्य स्थानों पर भी
  4. महाभारत, सभापर्व 14,50

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