स्त्रज

स्त्रज का उल्लेख पौराणिक ग्रंथ महाभारत में हुआ है, महाभारत अनुशासन पर्व[1] के अनुसार एक विश्वेदेवा थे।[2]

  • कुछ सनातन विश्वदेवों के नाम इस प्रकार हैं-

‘बल, धृति, विपाप्मा, पुण्यकृत, पावन, पाष्र्णिक्षेमा, समूह, दिव्यसानु, विवस्वान, वीर्यवान, हीमान, कीर्तिमान, कृत, जितात्मा, मनुवीर्य, दीप्तरोमा, भयंकर, अनुकर्मा, प्रतीत, प्रदाता, अंशुमान, शैलाभ, परमक्रोधी, धीरोष्णी, भूपति, स्त्रज, वज्री, वरी, विश्‍वेदेव, विद्युद्वर्चा, सोमवर्चा, सूर्यश्री, सोमप, सूर्यसावित्र, दत्तात्मा, पुण्डरीयक, उष्णीनाभ, नभोद, विष्वायु, दीप्ति, चमूहर, सुरेष, व्योमारि, शंकर, भव, ईश, कर्ता, कृति, दक्ष, भुवन, दिव्यकर्मकृत, गणित, पंचवीर्य, आदित्य, रश्मिवान, सप्तकृत, सोमवर्चा, विश्‍वकृत, कवि, अनुगोप्ता, सगोप्ता, नप्ता, और ईश्‍वर।

  • ये महाभाग काल की गति के जानने वाले कहे गये हैं।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 122 |

  1. महाभारत अनुशासन पर्व 91.33
  2. पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 543 |

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