वेत्रवती

वेत्रवती हिन्दू पौराणिक ग्रंथ वायुपुराण[1] के अनुसार पारियात्र पर्वत से निकली 14 नदियों में से एक नदी का नाम है।

  • संभवत: वेत्रवती आधुनिक वेतवा नदी है, जो कि यमुना की सहायक नदी है।[2]
  • प्राचीन काल की प्रसिद्ध नगरी विदिशा वेत्रवती के तट पर ही बसी थी।
  • 'मेघदूत'[3] में महाकवि कालिदास ने वेत्रवती का विदिशा के संबध में मनोहारी वर्णन किया है-
'तेषां दिक्षुप्रथितविदिशालक्षणां राजधानीम्, गत्वा सद्यः फलमति महत् कामुकत्वस्यलब्धवा तीरोपान्तस्तनितसुभगं पास्यसि स्वादुयुक्तम् सभ्रूभंगं मुखमिव पयो वेत्रवत्याश्चलोर्मिः।'


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वायुपुराण 45.98
  2. पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 477 |
  3. पूर्वमेघ, 26

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