तन्तिपाल

तन्तिपाल महाभारत में एक वर्ष के अज्ञातवास के समय नकुल द्वारा अपनाया गया नाम था।

  • महाभारत में पांडवों के वनवास में एक वर्ष का अज्ञातवास भी था, जो उन्होंने विराट नगर में बिताया।
  • विराट नगर में पांडव अपना नाम और पहचान पूर्णत: छुपाकर रहे। उन्होंने राजा विराट के यहाँ सेवक बनकर एक वर्ष व्यतीत किया।
'तस्य वाक्तन्तिर्नामानि दामानी'
  • उपरोक्त श्रुति के अनुसार 'तन्ति' शब्द वाणी का वाचक है। 'तन्तिपाल' कहकर सहदेव ने गूढ़रूप से युधिष्ठिर को यह बताया कि मैं आपकी प्रत्येक आज्ञा का पालन करूँगा।
  • साधारण लोगों की दृष्टि में तन्तिपाल का अर्थ है- "बैलों को बाँधने की रस्सी को सुरक्षित रखने वाला"। अत: सहदेव ने भी राजा विराट को अपना परिचय यथार्थ ही दिया।

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