वीरणक

वीरणक का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। महाभारत आदिपर्व के अनुसार ये जनमेजय के सर्पयज्ञ में जले एक साँप थे।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 100 |

  1. महाभारत आदिपर्व अध्याय 57 श्लोक 1-24

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