ऋभु

ऋभु हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार एक देवता हैं, जो देवगणों के भी आराध्‍य देव हैं।

  • देव ऋभु ब्रह्मा के मानस पुत्रों में से एक है।
  • ऋभु और सनत्कुमार की सृष्टि सबसे पहले हुई है।
  • यह अपनी शुद्धता और ज्ञान के लिये प्रसिद्ध है तथा यह तपलोक के निवासी है।
  • देवताओं के लोकों से उनका स्‍थान उत्‍कृष्‍ट है, देवता लोग भी यज्ञों द्वारा उनका यजन करते हैं, उनके उत्‍तम लोक स्‍वयंप्रकाश, तेजस्‍वी और सम्‍पूर्ण कामनाओं की पूर्ति करने वाले हैं।[1]


टीका टिप्पणी और संदर्भ

पौराणिक कोश |लेखक: राणाप्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 71 |

  1. महाभारत वन पर्व अध्याय 261 श्लोक 18-33

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