शूर्पणखा हिन्दू पौराणिक ग्रंथ रामायण के अनुसार लंका के राजा रावण की बहन थी।
- शूर्पणखा लंका के राजा रावण की बहन तथा दानवों के राजा कालका के पुत्र विद्युज्जिह्व की पत्नी थी।
- समस्त संसार पर विजय प्राप्त करने की इच्छा से रावण ने अनेक युद्ध किये, अनेक दैत्यों को मारा। उन्हीं दैत्यों में विद्युज्जिह्व भी मारा गया। शूर्पणखा बहुत दु:खी हुई।
- रावण ने उसे आश्वस्त करते हुए अपने भाई खर के पास रहने के लिए भेज दिया। वह दंडकारण्य में रहने लगी।
- राम और सीता कुटिया में बैठे थे। अचानक शूर्पणखा[1] ने वहाँ प्रवेश किया। वह राम को देखकर मुग्ध हो गयी तथा उनका परिचय जानकर उसने अपने विषय में इस प्रकार बतलाया- "मैं इस प्रदेश में स्वेच्छाचारिणी राक्षसी हूँ। मुझसे सब भयभीत रहते हैं। विश्रवा का पुत्र बलवान रावण मेरा भाई है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ बूढ़ी कुरूप तथा डरावनी राक्षसी
संबंधित लेख
|