महाकाली का उल्लेख पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह पार्वती के कोप से उत्पन्न दक्ष-यज्ञ का विध्वंस करने वाली एक देवी थी।
- महेश्वर ने उस पुरुष को आज्ञा दी-'वीर! तुम दक्ष के यज्ञ का नाश कर दो।' फिर तो भगवान के मुख से निकले हुए उस सिंह के समान पराक्रमी एक ही वीर ने पार्वती देवी के दु:ख और क्रोध का निवारण करने के लिये खेल ही खेल में प्रजापति दक्ष के उस यज्ञ का विध्वंस कर डाला। उस समय भवानी के क्रोध से प्रकट हुई अत्यन्त भयंकर रूपावाली महाकाली महेश्वरी ने भी अपना पराक्रम दिखाने के लिये सेवकों सहित उस वीर के साथ प्रस्थान किया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 84 |