सुमीढ हिन्दू मान्यताओं और पौराणिक महाकाव्य महाभारत के उल्लेखानुसार राजा सुहोत्र तथा ऐक्ष्वाकी के तीन पुत्रों में से एक थे।
- राजा सुहोत्र भुमन्यु के ज्येष्ठ पुत्र थे। अत: उन्हीं को राज्य मिला था।
- सुहोत्र ने 'राजसूय' तथा 'अश्वमेध' आदि अनेक यज्ञों द्वारा यजन किया और समुद्र पर्यन्त सम्पूर्ण पृथ्वी का, जो हाथी-घोड़ों से परिपूर्ण तथा अनेक प्रकार के रत्नों से सम्पन्न थी, उपभोग किया।
- ऐक्ष्वाकी ने राजा सुहोत्र से 'अजमीढ', 'सुमीढ' तथा 'पुरुमीढ' नामक तीन पुत्रों को जन्म दिया था। उनमें अजमीढ ज्येष्ठ थे। उन्हीं पर वंश की मर्यादा टिकी हुई थी।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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