देवमित्र हिंदू मान्यताओं और पौराणिक ग्रन्थों के अनुसार माण्डूकेय के एक शिष्य थे, जिसने सौभरि आदि शिष्यों को संहिता की शिक्षा दी थी।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
पौराणिक कोश |लेखक: राणा प्रसाद शर्मा |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 233 |
- ↑ भागवत पुराण 12.6.56