चक्र कुमार कार्तिकेय के असंख्य अनुचरों में से एक का नाम है। इसका उल्लेख पौराणिक महाकाव्य 'महाभारत' के शल्य पर्व में मिलता है।[1]
- 'महाभारत शल्य पर्व' में कुमार कार्तिकेय के अभिषेक, उनके महापार्षदों के नाम तथा रूप आदि का वर्णन हुआ है। यहाँ उल्लेख मिलता है कि कुमार कार्तिकेय के अभिषेक समारोह में असंख्य देवी-देवता आदि उपस्थित हुए थे, जिन्होंने कुमार को अनुचर प्रदान किये।
- महायशस्वी भगवान विष्णु ने भी स्कन्द (कार्तिकेय) को 'चक्र', 'विक्रम' और महाबली संक्रम -ये तीन अनुचर दिये थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ महाभारत शल्य पर्व अध्याय 45 श्लोक 28-49
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