लोमपाद का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है। यह अंग देश के राजा थे, जिन्होंने ऋष्यश्रृंग को अभीष्ट धन और शान्ता[1] नाम की अपनी कन्या देकर स्वर्ग प्राप्त किया था।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 93 |
- ↑ 'शान्ता' वास्तव में अयोध्या नरेश दशरथ की पुत्री थी। राजा लोमपाद ने इन्हें पौष्य कन्या के रूप में दशरथ से प्राप्त किया था।