असित एक सिद्ध महात्मा जो भीष्म की मृत्यु के समय उनसे मिलने गये थे।[1] असित युधिष्ठिर के यज्ञ में भी निमंत्रित थे।[2] स्यमंतपंचक में यह श्रीकृष्ण से मिले थे।[3] द्वारका छोड़ पिंडारक जानेवाले ऋषियों में से यह भी एक थे।[4] श्रीकृष्ण के कुरुक्षेत्र वाले यज्ञ में यह पुरोहित थे। असित को सरस्वती नदी का एक स्थान अति प्रिय था।[5]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ भागवत पुराण.1.9.7
- ↑ भागवत पुराण.10.74.7
- ↑ भागवत पुराण.10.84.3
- ↑ भागवत पुराण.11.1.12.।
- ↑ भागवत पुराण.3.1.22)।
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