कौशल्या | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- कौशल्या (बहुविकल्पी) |
कौशल्या हिन्दू पौराणिक महाकाव्य 'रामायण' के अनुसार राजा दशरथ की पत्नी तथा श्रीराम की माता थी।
- कौशल्या और दशरथ के विवाह से जुड़ी कथा
दक्षिण कोसल राज ने अपनी पुत्री का विवाह अयोध्या के युवराज दशरथ से सुनिश्चित किया। अचानक एक दिन राजकुमारी कौशल्या राजभवन से अदृश्य हो गई। उधर अयोध्या से महाराज अज प्रस्थान कर चुके थे। वह सदल-बल सरयू नदी के मार्ग से नौका द्वारा कोसल की यात्रा कर रहे थे। अकस्मात भयानक आंधी आई। बहुत सी नौकाएं डूब गईं। महाराज ने देखा कि युवराज जिस नौका से चल रहे थे उसका पता नहीं है। वास्तव में रावण ने जब अपने भाग्य पर विचार किया तब उसे पता चला कि दशरथ और कौशल्या के द्वारा उत्पन्न पुत्र उसका वध करेगा। इसलिए उसने कौशल्या का हरण करके और उन्हें पेटिका में बंद करके दक्षिण सागर में अपने एक परिचित महामत्स्य को दे दिया था। महामत्स्य पेटिका को अपने मुख में रखता था। अकस्मात दूसरे महामत्स्य ने उस पर आक्रमण किया। इसलिए मत्स्य ने वह पेटिका गंगा सागर के किनारे भूमि पर छोड़ दी। भीतर से कौशल्या जी पेटिका खोलकर बाहर आ गईं। संयोग से दशरथ जी भी बहते हुए वहीं पहुँचे। वहीं उनका कौशल्या जी से साक्षात्कार हुआ। परस्पर परिचय के बाद उन्होंने अग्नि प्रज्वलित करके कौशल्या जी से विवाह कर लिया और अयोध्या लौट आए थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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