रावण

रावन

रावण 'रामायण' का एक विशेष पात्र है। वह लंका का राजा था। वह अपने 'दस सिरों' के कारण भी जाना जाता था,[1] जिसके कारण उसका नाम 'दशानन'[2] भी था।

  • रावण को चारों वेदों का ज्ञाता कहा गया है।
  • संगीत के क्षेत्र में भी रावण की विद्वत्ता अपने समय में अद्वितीय मानी जाती है। वीणा बजाने में रावण सिद्धहस्त था। उसने एक वाद्य बनाया भी था, जिसे अब 'रावण हत्था' कहा जाता है, जो आज के बेला या वायलिन का ही मूल और प्रारम्भिक रूप है।
  • रावण शिव भक्त था। 'कैलाश पर्वत को उठाने' की कथा की मूर्ति मथुरा में मिली है।
  • रामकथा में रावण ऐसा पात्र है, जो राम के उज्ज्वल चरित्र को उभारने का काम करता है।
  • रावण ने राम की पत्नी सीता का हरण किया था। राम ने रावण को युद्ध में मार कर सीता को छुड़ाया।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. साधारण से दस गुणा अधिक मस्तिष्क शक्ति
  2. दश (दस) + आनन (मुख)

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