वज्र | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- वज्र (बहुविकल्पी) |
वज्र का उल्लेख हिन्दू पौराणिक महाकाव्य महाभारत में हुआ है, जिसके अनुसार यह श्रीकृष्ण का पौत्र था।
- 'महाभारत महाप्रस्थानिक पर्व'[1] में उल्लेख मिलता है कि 'वृष्णि' और 'अन्धक वंश' के बीरों में मूसल युद्ध होने का समाचार सुनकर और भगवान श्रीकृष्ण के परमधाम पधारने के पश्चात धर्म की इच्छा से युधिष्ठिर ने राज्य त्याग दिया।
- युधिष्ठिर ने वैश्यापुत्र युयुत्सु को बुलाकर उन्हीं को सम्पूर्ण राज्य की देखभाल का भार सौंप दिया। फिर अपने राज्य पर परीक्षित का अभिषेक करके पांडवों के बड़े भाई महाराजा युधिष्ठिर ने दु:ख से आर्त होकर सुभद्रा से कहा- "बेटी! यह तुम्हारे पुत्र का पुत्र परीक्षित कुरुदेश तथा कौरवों का राजा होगा और यादवों में जो लोग बच गये हैं, उनका राजा श्रीकृष्ण के पौत्र वज्र को बनाया गया है। परीक्षित हस्तिनापुर में राज्य करेंगे और युदवंशी वज्र इन्द्रप्रस्थ में। तुम्हें राजा वज्र की भी रक्षा करनी चाहिये और अपने मन को कभी अधर्म की ओर नहीं जाने देना चाहिये।"
टीका टिप्पणी और संदर्भ
महाभारत शब्दकोश |लेखक: एस. पी. परमहंस |प्रकाशक: दिल्ली पुस्तक सदन, दिल्ली |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 94 |
- ↑ महाभारत महाप्रस्थानिक पर्व अध्याय 1 श्लोक 1-21